| Song | Kanwal |
| Artist | AFUSIC, Hasan Raheem & AliSoomroMusic |
| Album | Kanwal (single) |
| Written by | Afusic and Hasan Raheem |
| Produced by | Ali Soomro Music |
Kanwal Lyrics
hmm
मेरे इस दिल पे हावी है
तू इस दुनिया से प्यारी है
जो भूलूं मैं तो कुछ सजना
कमी-बेसी की मुआफ़ी है
हाँ, जलते हैं कंवल तुझसे
तू जग मेरा सजाती है
ये मन भरता है कब मेरा?
तेरी हर पल ही ख्वाहिश है
ओ जानम
सितम ये हम पे, जानम क्या ढाया तूने
नज़र मिलाके, दिल को चुराया तूने
हमने सुना है, वापस ना आया
तेरे जाल में जानम जो भी फंसा
तू बल खाए, हाय
थम जाए दुनिया मेरी
जानम, मुझे ऐसे ना सताया कर
जो तू मुस्कुराए, हाय
फीका लगता है हर एक मंजर
जाना, थोड़ा रहम खाया कर
तू बल खाए, हाय
थम जाए दुनिया मेरी
जानम, मुझे ऐसे ना सताया कर
जो तू मुस्कुराए, हाय
फीका लगता है हर एक मंजर
जाना, थोड़ा रहम खाया कर
हाँ, मेरी आरज़ू को
फ़िज़ा जगा नहीं दे
मेरी आरज़ू तो
ख़िज़ाँ ये हार गई है, ह्म्म
कुछ हमारे ये किस्से थे सच्चे से
कुछ तुम्हारों ने जो रंग भरे
आपको हम समझ आएं अच्छे से
लोग अज़ल से सभी तंग करें
इज़हार ये के, सब तबीयत के मुताबिक़ नहीं
थोड़े हैं कड़वे, पर जाना हम मुनाफ़िक नहीं
इज़हार ये के, इस अज़ीयत की इजाज़त नहीं
माना हैं कड़वे, पर जाना मुनाफ़िक नहीं
तू बल खाए, हाय
थम जाए दुनिया मेरी
जानम, मुझे ऐसे ना सताया कर
जो तू मुस्कुराए, हाय
फीका लगता है हर एक मंजर
जाना, थोड़ा रहम खाया कर
तू बल खाए, हाय
थम जाए दुनिया मेरी
जानम, मुझे ऐसे ना सताया कर
जो तू मुस्कुराए, हाय
फीका लगता है हर एक मंजर
जाना, थोड़ा रहम खाया कर
थोड़ा रहम खाया कर
थोड़ा रहम खाया कर
थोड़ा रहम खाया कर
थोड़ा रहम खाया कर






